Saturday, June 25, 2016

घर में अशांत माहौल का कारण बनती हैं पूर्व दिशा से जुड़ी ये बातें

घर में अशांत माहौल का कारण बनती हैं पूर्व दिशा से जुड़ी ये बात

घर की पूर्व दिशा को वास्तु के अनुसार किस तरह संतुलित किया जाए, इसके कुछ आसान तरीके ये हैं :-
1. वायु तत्व को संतुलित करने के लिए घर की पूर्व दिशा से संबंधित वास्तु दोषों को सुधारना चाहिए।
2. पूर्व दिशा में हर तरह से सफाई का ध्यान रखें। किसी भी प्रकार से गंदगी इस दिशा में न हो।
3. पूर्व दिशा में भारी सामान न रखें। किसी भी प्रकार के कबाड़ को पूर्व दिशा में नहीं रखें।
4. पूर्व दिशा का संबंध सूर्य देव से माना जाता है, इसलिए रोज सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
5. घर का पूर्व दिशा का संबंध हवा के बहाव से है। इस दिशा में ऐसी व्यवस्था करें कि हवा आती रहे।
6. घर की पूर्व दिशा को पूरी तरह बंद न करें। यहां पर हवा और रोशनी के लिए कम से कम खिड़की जरूर बनवाएं।

पूर्व दिशा (वायु तत्व) के असंतुलन से होते हैं ये प्रभाव

घर में यदि वायु तत्व असंतुलित हो तो घर के सदस्य कई प्रकार के रोगों से पीड़ित हो सकते हैं। त्वचा रोग, जोड़ों में दर्द होना, अधिक तनाव होना आदि शारीरिक तकलीफें हो सकती हैं। ऐसे लोग ज्यादा गुस्सा करने वाले हो सकते हैं। घर में वायु तत्व का असंतुलन कार्यों में रुकावटें पैदा करता है। बनते कार्य रुकने लगते हैं, जिसके परिणामस्वरुप व्यक्ति गुस्से वाला हो जाता है। लोग भी ऐसे मिलते हैं, जिनसे कार्यों में मदद नही मिलती है। जिससे लोगों के प्रति नेगेटिविटी का भाव पैदा हो जाता है। व्यक्ति सभी पर ही गुस्सा प्रकट करने लगता है।
 
 
 
 

Monday, June 20, 2016

vastu-dost-become-reason-for-money-loss

*)  वास्तु के अनुसार, जिन घरों की दक्षिण-पश्चिम दिशा के कमरे अन्य दिशा के कमरों से अधिक बढ़े होते हैं, उन घरों में आर्थिक परेशानी आती है। ऐसे घरों में रहने वालों को कानूनी मामलों में उलझना पड़ सकता है, साथ ही स्वास्थ्य की परेशानी बनी रहती है, जिनसे धन का नुकसान होता है।
**) वास्तु के अनुसार, दक्षिण दिशा की तरफ घर का दरवाजा नहीं होना चाहिए। इस दिशा की ओर दरवाजे या तिजोरी के पर धन और आयु की हानि होती है। इसलिए, इस दिशा की ओर मुंह करके तिजोरी और अलमारी भी नहीं रखना चाहिए वरना घर में हमेशा धन का अभाव बना रहता है।
***) वास्तु के अनुसार, उत्तर-पूर्व दिशा धन आगमन की दिशा मानी जाती है। जिन घरों में इस दिशा में भारी सामान या गंदगी होती है, वहां हमेशा आर्थिक परेशानी बनी रहती है। इनके घर में धन का आगमन धीमी गति से होता है।
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Monday, June 6, 2016

VASTU- ये टिप्स दूर सकते हैं आपके ऑफिस का वास्तु दोष

वर्तमान समय में वास्तु टिप्स का उपयोग केवल घरों में ही नहीं बल्कि फैक्टरी, कारखानों व ऑफिस आदि सभी स्थानों पर भी किया जाता है। आज हम आपको ऑफिस में उपयोग किए जाने वाले वास्तु टिप्स के बारे में बता रहे हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि ऑफिस में वास्तु दोष हो तो उसका असर कर्मचारियों के मनो-मस्तिष्क पर तथा उसकी सेहत पर भी पड़ सकता है। यहां तक कि ऑफिस में वास्तु दोष होने से कंपनी को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। ऑफिस के वास्तु दोषों को नीचे लिखे उपायों से दूर किया जा सकता है-


1. ऑफिस के मुख्य प्रभारी (बॉस) का केबिन सबसे पहले नहीं होना चाहिए। प्रवेश द्वार के समीप किसी ऐसे सहायक का कक्ष हो जो आने वालों को जानकारी उपलब्ध करवा सके।
2. ऑफिस में किसी भी कमरे के दरवाजे के ठीक सामने टेबल नहीं होना चाहिए।
3. दरवाजे की सीध में किसी कर्मचारी को न बैठाएं।
4. ऑफिस में हरे या गहरे रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यह रंग रोशनी अधिक खाता है। सफेद, क्रीम या पीला जैसे हल्के रंग का उपयोग करना चाहिए।
5. ऑफिस में पानी की व्यवस्था ईशान कोण में करनी चाहिए। ईशान में पानी तब ही शुभ होगा, जब उसका संबंध जमीन से हो। यदि धरातल से ऊंचे स्थान पर पानी रखना हो तो अपनी सुविधानुसार किसी भी स्थान पर रख सकते हैं।
6. कैशियर को ऐसे स्थान पर नहीं बैठाना चाहिए, जहां से उसे कार्य करते हुए अधिकाधिक कर्मचारी देखें।
7. कुबेर का वास उत्तर दिशा में माना गया है। इसलिए जहां तक संभव हो कैशियर को उत्तर दिशा में ही बैठाएं।
8.कम्प्यूटर, कंट्रोल पैनल, विद्युत उपकरण आदि कार्यालय के आग्नेय कोण में ही लगाए जाने चाहिए।
9. यदि ऑफिस में वेटिंग रूम बनवाएं तो वायव्य कोण उचित रहेगा। कान्फ्रेंस/मीटिंग हॉल भी वायव्य कोण में शुभ माना गया है।
10. एक टेबल पर एक से अधिक कर्मचारियों को नहीं बैठाना चाहिए। इससे काम प्रभावित होता है।
11. ऑफिस के बड़े अधिकारियों को दक्षिण में व छोड़े अधिकारियों को पश्चिम में बैठाना चाहिए।
12. ऑफिस में किसी भी कर्मचारी की पीठ मुख्य द्वार की तरफ नहीं होनी चाहिए।